Sunday, September 15, 2024

दोनों किडनी खराब होने पर आदमी कितना दिन जिंदा रह सकता है?

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दोनों किडनी खराब होने पर आदमी कितना दिन जिंदा रह सकता है? 

किडनी, हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जिनका मुख्य कार्य रक्त को शुद्ध करना और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना है। किडनी की गंभीर बीमारियाँ, जैसे कि किडनी फेलियर, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या होती हैं और इसके बिना उचित उपचार के जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। इस लेख में, हम समझेंगे कि जब दोनों किडनी पूरी तरह से खराब हो जाती हैं, तो एक व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है, इसके लक्षण, उपचार के विकल्प, और जीवनकाल को प्रभावित करने वाले कारकों पर चर्चा करेंगे।

  1. किडनी की भूमिका और फेलियर के प्रकार

1.1 किडनी की भूमिका

किडनी के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:

  • रक्त शुद्ध करना: किडनी शरीर के रक्त को शुद्ध करती है और विषाक्त पदार्थों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालती है।
  • पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखना: किडनी शरीर के पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटेशियम) का संतुलन बनाए रखती है।
  • रक्तचाप नियंत्रित करना: किडनी रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।
  • हॉर्मोन का निर्माण: किडनी कुछ हॉर्मोन का निर्माण करती है जो हड्डियों की सेहत और रक्त निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं।

1.2 किडनी फेलियर के प्रकार

  • अक्यूट किडनी फेलियर: यह अचानक होता है और इसके इलाज से किडनी का कार्य सामान्य हो सकता है।
  • क्रॉनिक किडनी फेलियर: यह धीरे-धीरे होता है और समय के साथ किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है।
  1. दोनों किडनी के खराब होने पर जीवनकाल

जब दोनों किडनी पूरी तरह से खराब हो जाती हैं, तो व्यक्ति के जीवित रहने की संभावनाएँ गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती हैं। जीवनकाल को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं:

2.1 प्राकृतिक अवस्था

यदि दोनों किडनी पूरी तरह से फेल हो जाती हैं और मरीज को तत्काल उपचार नहीं मिलता, तो आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक जीवनकाल सीमित हो सकता है। किडनी के बिना, शरीर में विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त पानी का संचय हो जाता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है और अंततः मृत्यु का कारण बन सकता है।

2.2 उपचार और चिकित्सा सहायता

यदि मरीज को उचित चिकित्सा सहायता और उपचार मिल रहा है, जैसे कि डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट, तो जीवनकाल को बढ़ाया जा सकता है।

  • डायलिसिस: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो किडनी की भूमिका को आंशिक रूप से निभाती है और रक्त से विषाक्त पदार्थों को निकालती है। डायलिसिस के जरिए मरीज कुछ सप्ताह, महीनों या वर्षों तक जीवित रह सकता है, इस पर निर्भर करता है कि कितनी तेजी से किडनी फेल हुई है और इलाज कैसे चल रहा है।
  • किडनी ट्रांसप्लांट: यदि किडनी ट्रांसप्लांट किया जाए, तो यह लंबे समय तक जीवन को बनाए रखने में मदद कर सकता है। एक सफल ट्रांसप्लांट से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है और किडनी की फेलियर की समस्याओं से राहत मिल सकती है।
  1. लक्षण और संकेत

जब दोनों किडनी खराब होती हैं, तो निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं:

  • पानी का असामान्य संचय: शरीर में अतिरिक्त पानी का संचय होता है, जिससे सूजन, वजन बढ़ना, और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
  • मूत्र की कमी: मूत्र का उत्पादन कम हो जाता है या पूरी तरह से बंद हो सकता है।
  • थकावट और कमजोरी: शरीर के विषाक्त पदार्थों के संचय के कारण थकावट और कमजोरी बढ़ जाती है।
  • मतली और उल्टी: विषाक्त पदार्थों के कारण मतली, उल्टी और भूख में कमी हो सकती है।
  • गैरस्वस्थ त्वचा: त्वचा पर खुजली, सूजन और रंगत में बदलाव देखा जा सकता है।
  1. उपचार और प्रबंधन

4.1 डायलिसिस

डायलिसिस एक महत्वपूर्ण उपचार है जो किडनी के काम को आंशिक रूप से करती है। यह दो प्रकार की होती है:

  • हेमोডायलिसिस: इसमें एक मशीन के माध्यम से रक्त को शरीर से बाहर निकाला जाता है, शुद्ध किया जाता है और फिर वापस शरीर में डाला जाता है।
  • पेरिटोनियल डायलिसिस: इसमें पेट के अंदर एक विशेष द्रव का उपयोग किया जाता है, जो विषाक्त पदार्थों को शुद्ध करता है।

4.2 किडनी ट्रांसप्लांट

किडनी ट्रांसप्लांट एक दीर्घकालिक समाधान हो सकता है, जिसमें एक स्वस्थ किडनी प्रत्यारोपित की जाती है। यह प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए एक उचित दाता की आवश्यकता होती है। ट्रांसप्लांट के बाद, मरीज को नियमित दवा लेने की जरूरत होती है ताकि प्रतिरक्षा प्रणाली नई किडनी को स्वीकार कर सके।

4.3 आहार और जीवनशैली

सही आहार और जीवनशैली किडनी की समस्याओं के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। कम सोडियम, कम पोटेशियम, और कम फास्फोरस वाला आहार किडनी फेलियर के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होता है।

  1. जीवनकाल को प्रभावित करने वाले कारक

5.1 किडनी फेलियर की गंभीरता

किडनी फेलियर की गंभीरता जीवनकाल को प्रभावित करती है। क्रॉनिक किडनी फेलियर के मरीजों को अधिक समय तक उपचार की आवश्यकता होती है, जबकि अचानक (अक्यूट) किडनी फेलियर में स्थिति को ठीक किया जा सकता है।

5.2 चिकित्सा देखभाल की गुणवत्ता

चिकित्सा देखभाल की गुणवत्ता, डायलिसिस की समयसारणी, और ट्रांसप्लांट की सफलता जीवनकाल को प्रभावित करते हैं। बेहतर चिकित्सा देखभाल से जीवनकाल को बढ़ाया जा सकता है।

5.3 मरीज की स्वास्थ्य स्थिति

मरीज की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति, जैसे कि उम्र, अन्य बीमारियाँ, और जीवनशैली, भी जीवनकाल पर प्रभाव डालती हैं।

  1. सारांश

दोनों किडनी के पूरी तरह से खराब होने पर जीवनकाल की अवधि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। यदि बिना उपचार के छोड़ा जाए, तो जीवनकाल कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक सीमित हो सकता है। हालांकि, उचित चिकित्सा उपचार, जैसे कि डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट, से जीवनकाल को बढ़ाया जा सकता है और रोगियों को बेहतर जीवन जीने का मौका मिल सकता है।

समझदारी से इलाज और समय पर चिकित्सा देखभाल के साथ, किडनी फेलियर की समस्याओं का प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है, और मरीज को एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिल सकता है। इसलिए, किडनी की समस्याओं के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए

 

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